ग्रामीण-परिवेश में हर शिकवे-गिले बच्चे सह लेते हैं, जिंदगी तमाम हम बच्चे यूं ही कर लेते हैं! बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधे? दबंगों के हाथों ज़हर पी लेते हैं! ।। श्री परमात्मने नमः।।
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