Saturday 21 April 2018

परिवर्तन का रोना

भारतीय राजनीति के टिमटिमाते तारे हैं आजकल के राजनीतिज्ञ। जो राजनीतिज्ञ जनहितार्थ सपने को साकार करते हैं वे ही धूमकेतु कहलाते हैं जैसे भगत सिंह। यदि हम उनके आभार को नहीं मानते हैं तो यह हमारी कृतघ्नता है। कुछ ऐसे कार्य किए जा रहे हैं जो धरातल पर नहीं उतर सके हैं केवल कागज के पन्नों पर अंकित हैं। यह कैसा निर्माण है? सत्ता-सुख-भोग के कारण ही आज हिंदुस्तान की मान मर्यादा धूमिल है। शिकायत की सुनवाई भी नहीं हो पाती है जिसका जीता-जागता प्रमाण है कि म. बि. ग्रा. बैं. शाखा कार्यालय गोपालबाद प्रखंड सरमेरा जिला नालन्दा राज्य बिहार पिन कोड 8111O4 में बैंक कर्मियों द्वारा 2012 में ही लगभग 7 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ जिसकी शिकायत मुख्य मंत्री नीतीश कुमार एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की गई परंतु उसकी जांच अभी तक नहीं हो पाई है। धन्य हो एहसान और धन्य हो कल्याण। कैसे कहा जाय जय-जय विज्ञान हो, जय हिंदुस्तान? चुनाव का समय भी बड़ा अजीब होता है। सारे उम्मीदवार चुनाव के दौरान लोक लुभावन नारों के साथ जनसेवा की भावना से प्रेरित हो जनता को परिवर्तन का भरोसा दिलाते हैं। वही उम्मीदवार जब जीतकर आते हैं तो जनता के प्रति किये गये वादों को भूल जाते हैं। आखिरकार जनता किंकर्तव्यविमूढ़ हो परिवर्तन का केवल रोना रोती रहती है। पता नहीं चल पाता है कि लुटने वाला कौन और लूटने वाला कौन है? आखिर जनता भरोसा करे तो किसपर करे? अनुमान किया जा रहा है कि हमारा बिहार फिर से गुलजार होगा पर ऐसा हुआ या नहीं यह आप ही बता सकते हैं। सरकार में अंतर्विरोध कितना है यह आपके सामने परिलक्षित है।

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