यह जग है एक सपना यारो, माया ही है माया
रिश्तों के उजालों में देखो हर आदमी ही है साया
यहाँ कोई नहीं है अपना यारो जगत है पराया
इंसान भटकता गली-गली, है ऐसा युग आया
कौन सुनेगा किसे सुनाऊँ? रावण के इतिहास को
क्या बतलाऊँ राम को, किसने है मार गिराया?
।। श्री परमात्मने नमः।।
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