Saturday 29 September 2018

अवचेतन-मन

आर्थिक स्थिति कितनी भी अच्छी हो जीवन का सही आनंद लेने के लिए मानसिक स्थिति अच्छी होनी चाहिए. घर में सोफासेट हो, डिनरसेट हो, टीवीसेट हो, मेकअप सेट हो पर माइंडसेट न हो तो आप कहीं भी सेट नहीं हो सकते. अतः हमें अवचेतन मन की शक्तियों को जाग्रत करना होगा.
।। श्री परमात्मने नमः।।

Friday 28 September 2018

समझ

कुछ लोगों को कुछ बातें तबतक समझ में नहीं आतीं जबतक कि खुद पर नहीं गुजरे!
।। श्री परमात्मने नमः।।

Thursday 27 September 2018

समय

गलती करने के लिये कोई भी समय सही नहीं और गलती सुधारने के लिये कोई भी समय बुरा नहीं!
।। श्री परमात्मने नमः।।

Wednesday 26 September 2018

परमात्मा की प्राप्ति

मनुष्य का हृदय कभी भी भरा नहीं जा सकता धन से, पद से, ज्ञान से, किसी से भी भरो वह खाली ही रहेगा क्योंकि इन चीजों से भरने के लिए वह बना ही नहीं है। मनुष्य जितना पाता है उतना ही दरिद्र होता जाता है। हृदय की इच्छाएं कुछ भी पाकर शांत नहीं होती हैं क्योंकि हृदय तो परमात्मा को पाने के लिए बना है।
।। श्री परमात्मने नमः।।

Tuesday 25 September 2018

समर्पण

शरीर से प्रेम है तो आसन, सांस से प्रेम है तो प्राणायाम, आत्मा से प्रेम है तो ध्यान और परमात्मा  से प्रेम है तो समर्पण करें.
।। श्री परमात्मने नमः।।

Monday 24 September 2018

संकल्प

उस पछतावे के साथ मत जागिये जिसे आपने कल पूरा नहीं किया बल्कि उस संकल्प के साथ जागिये जिसे आपको आज पूरा करना है.
।। श्री परमात्मने नमः।।

Sunday 23 September 2018

समता

इंसान वही श्रेष्ठ है जो बुरी स्थिति में फिसले नहीं एवं अच्छी स्थिति में उछले नहीं!
।। श्री परमात्मने नमः।।

Saturday 22 September 2018

इज्जत

बालाओं और महिलाओं की इज्जत सस्ती है भले ही पेट्रोल महंगा है!
*श्री परमात्मने नमः*

Friday 21 September 2018

चिंता

चिंता कल की परेशानियों को दूर नहीं करता बल्कि आज की शांति को नष्ट कर देता है!
।। श्री परमात्मने नमः।।

Thursday 20 September 2018

मुसाफिर

कभी न कहिए कि अपने दिन ख़राब हैं समझ लीजिए कि हम काँटों से घिरे गुलाब हैं! रखिए हौसला वो मंज़र भी आयेगा और प्यासे के पास चलकर समंदर भी आयेगा! थककर न बैठ ऐ मंजिल के मुसाफ़िर, मंजिल भी मिलेगी और जीने का मजा भी आयेगा!
।। श्री परमात्मने नमः।।

Wednesday 19 September 2018

चरित्र

रामायण में दो व्यक्ति थे एक विभीषण और एक कैकेयी! विभीषण रावण के राज मे रहता था फिर भी नही बिगडा! कैकेयी राम के राज में रहती थी फिर भी नही सुधरी! तात्पर्य सुधरना एवं बिगड़ना केवल मनुष्य के सोच और स्वभाव पर निर्भर होता है माहौल पर नहींं! रावण सीता को समझा समझा कर हार गया था पर सीता ने रावण की तरफ एक बार भी देखा तक नहीं तब मंदोदरी ने उपाय बताया कि तुम राम बनकर सीता के पास जाओ वो तुम्हे जरूर देखेगी! रावण ने कहा - मैं ऐसा कई बार कर चुका हूँ!
मंदोदरी - तब क्या सीता ने आपकी ओर देखा?
रावण - मैं खुद सीता को नहीं देख सका क्योंकि मैं जब-जब राम बनता हूँ मुझे परायी नारी अपनी माता और अपनी पुत्री-सी दिखती है! अपने अंदर राम को ढूंढें और उनके चरित्र पर चलें! आपसे भूलकर भी भूल नहीं होगी!
।। श्री परमात्मने नमः।।

Tuesday 18 September 2018

प्रयास

प्रयास न करने का अफसोस हार जाने के ग़म से बहुत ही ज्यादा है इसीलिए अपने सपनों को पूरा करने का प्रयास जरूर करना चाहिए!
।। श्री परमात्मने नमः।।

Monday 17 September 2018

नसीब

जरुरत से ज्यादा मिले उसको कहते हैं नसीब!सबकुछ है फिर भी रोता है उसको कहते हैं बदनसीब और जिंदगी में थोडा कम पाकर भी हमेशा खुश रहता है उसको कहते है खुशनसीब!!
।। श्री परमात्मने नमः।।

Saturday 15 September 2018

ईमानदारी

ईमानदारी से कमाई करने वालों के शौक भले ही पूरे न हों पर नींद जरूर पूरी होती है!
।। श्री परमात्मने नमः।।

Friday 14 September 2018

सीख

चाय के साथ खाया जाने वाला बिस्किट भी एक सीख देता है कि किसी के भी मामले में गहराई तक जाओगे तो टूट जाओगे! भरोसा करें लेकिन किसी के मामले में गहराई तक जाने की कोशिश न करें!
।। श्री परमात्मने नमः।।

Thursday 13 September 2018

जिद

बहुत सौदे होते हैं संसार में मगर सुख बेचनेवाले और दुःख खरीदने वाले नहीं मिलते! पता नहीं क्यों लोग रिश्ते छोड़ देते हैं लेकिन जिद नहीं! हमें जिद छोड़कर परमात्मा की शरण में जानी चाहिए!
।। श्री परमात्मने नमः।।

Wednesday 12 September 2018

संकल्प

हे मानव ! ये जीवन बड़ा अनमोल है! ये दुनियाँ बड़ी गोलमोल है! जीवन है एक जुआ! जीत गए तो भव को उतर गए नहीं तो...! हम अपने अतीत को कभी भी झाँककर नहीं देखते! जाने अनजाने पता नहीं कितने अपराध हमसे होते रहते हैं पर हम हैं कि अपनी धुन में खोये ही रहते हैं और पता ही नहीं चल पाता कि कब जीवन की शाम हो गई? इसी भागती दौड़ती जिंदगी में से कुछ समय यदि हम “हरि” नाम में लगा लें तो कुछ अंश सुख का हमारी झोली में आ गिरे लेकिन हम हैं कि इस व्यस्ततम और मशीनी जिंदगी से समय निकालना ही नहीं चाहते हैं क्योंकि हम इतने ज्यादा भोगी हो चुके हैं कि भगवान भजन में समय बिताना रास ही नहीं आता है! यदि हम दृढ़ संकल्प कर लें तब सरलता से समय भी निकाला जा सकता है! वर्तमान समय में यदि मोह माया से थोड़ा सा अलग करके स्वयं का आकलन किया जाए तब शायद चक्षु खुलने में देर ना लगे!
।। श्री परमात्मने नमः।।

Tuesday 11 September 2018

डर

वैसा काम करें जिसके करने से आप डरते हों! ऐसा करने से डर की मौत तय है! अगर आप खुद से पूरे विश्वास और आस्था से कहते हैं, "मैं इस डर को हराने वाला हूँ," तो आप हरा देंगे!
।। श्री परमात्मने नमः।।

Monday 10 September 2018

दिन की शुरुआत

जब भी आप अपना दिन शुरू करें तो ये तीन शब्द हमेशा याद रखें- कोशिश, सच और विश्वास! कोशिश- बेहतर भविष्य के लिए, सच- अपने काम के साथ और विश्वास- भगवान में रखें तो सफलता आपके पैरों को चूमेगी!
।। श्री परमात्मने नमः।।

Sunday 9 September 2018

होंठ

परमपिता परमात्मा ने हमसबों को धनुषाकार होंठ दिया है परंतु उन होंठों से शब्दों के बाण ऐसे मत छोड़ें कि सामने वालों का हृदय विंध जायें!
।। श्री परमात्मने नमः।।

Saturday 8 September 2018

महत्त्व

स्वीकार करने की हिम्मत और सुधार करने की नीयत हो तो इंसान बहुत कुछ सीख सकता है! हमें कितने लोग पहचानते हैं उसका महत्व नहीं है लेकिन क्यों पहचानते है, इसका महत्व है!
।। श्री परमात्मने नमः।।

Thursday 6 September 2018

व्यवस्था

ईश्वर की बनाई हुई यह सृष्टि बेशकीमती खज़ानों से भरी पड़ी है और एक भी चौकीदार नहीं है! व्यवस्था ऐसी की गई है कि दुनिया में अरबों व्यक्तियों का आवागमन प्रतिवर्ष होता है किन्तु यहाँ से कोई भी एक तीली तक नहीं ले जा सकता है!
।। श्री परमात्मने नमः।।

Wednesday 5 September 2018

अनमोल बोल

सबसे मजबूत जोड - प्रेम,
सबसे तेज कम्प्यूटर - दिमाग,
सबसे बड़ी सम्पति - भगवान और सद्गुरू में विश्वास,
सबसे भयंकर रोग - अहंकार,
सबसे सुन्दर आभूषण - प्रसन्नता,
सबसे तेजधार चाकू - जुबान,
सबसे सकारात्मक शब्द - मैं कर सकता हूँ,
सबसे ख़तरनाक जहर - हीन भावना,
सबसे दुर्लभ वस्तु - मन की शांति और
सबसे उत्तम साधन - प्रार्थना!
।। श्री परमात्मने नमः।।

कर्म और भाग्य

कर्म और भाग्य- लोग कहते हैं कि ईश्वर सबका भाग्य लिखता है! यदि ऐसा होता तो परमात्मा सबका भाग्य बहुत ही अच्छा लिखता और दुनिया में किसी को कोई दुःख नहीं होता पर ऐसा नहीं है! ईश्वर ने हर किसी को कर्म-रूपी एक ऐसी कलम दी है जिसके द्वारा वह अपना भाग्य स्वयं लिख सकता है !!
।। श्री परमात्मने नमः।।

Monday 3 September 2018

हिसाब-किताब

पहले ऊपर वाला किताब लेकर बैठता था इसीलिये हिसाब अगले जन्म में होता था पर अब वो भी लैपटाप लेकर बैठता है!
।। श्री परमात्मने नमः।।

निकट

पहले उपर वाला किताब लेकर बैठता था इसीलिये हिसाब अगले जन्म में होता था पर अब वो भी लैपटाप लेकर बैठता है इसीलिए हिसाब इसी जन्म में हो जाता है! सभंलकर कर्म करें! प्रभु से मत कहें  समस्या विकट है समस्या से कह दें प्रभु मेरे निकट हैं!
।। श्री परमात्मने नमः।।