कर्म का सिद्धांत है कि हम जैसा कर्म करेंगे हमें वैसा ही फल मिलेगा चाहे वह ग्रामीण-परिवेश ही क्यों न हो? हम खुद ही अपने आप के भाग्यविधाता हैं। यह बात ध्यान में रखकर ही हमें अभी से कठोर परिश्रम में लग जाना चाहिए। ।। श्री परमात्मने नमः।।
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