Tuesday 28 February 2017

संस्कार

अपमान करना किसी के स्वभाव में होसकता है पर सम्मान करना हमारे संस्कार में होना चाहिए !!
सुप्रभात

Monday 27 February 2017

ध्यान

ध्यान का अर्थ है कि अपने घर में आकर बैठ जाना फिर न कोई चिंता,न भय,न विचार।चारों ओर से जैसे सुरक्षित हो गये।
।।श्री परमात्मने नमः।।

मंजिल

भावना,काम,क्रोध,मद,लोभ आदि की कमी,
विनम्रता व सेवा भाव का उदय होना आदि लक्षण उत्पन्न होने लगे तो समझिए कि मंजिल की तरफ कदम बराबर बढ़ रहे हैं।

Saturday 18 February 2017

अनुशासनहीनता

गुरु से मुहब्बत आला इबादत है, सब से उत्तम आराधना है, अपना झंडा न फहरायें यह अनुशासनहीनता है। गुरु का ही झंडा लेकर चलेंगे तो आगे बढ़ते जायेंगे।
।।श्री परमात्मने नम:।।

Friday 17 February 2017

सुख

ऐ सुख तू कहाँ मिलता है?
क्या तेरा कोई स्थायी पता है?

Wednesday 15 February 2017

स्वार्थ

जब तक तुम्हारे पास पैसा है दुनिया पूछेगी भाई तू कैसा है और हर मित्रता के पीछे कोई न कोई स्वार्थ छिपा होता है, ऐसा कोई भी मित्रता नहीं है  जिसके पीछे स्वार्थ न छिपा हो।

Tuesday 14 February 2017

मिश्रित

क़ाबिल लोग न तो किसी को दबाते हैं और न ही किसी से दबते हैं। ज़माना भी अजीब है, नाकामयाब लोगों का मज़ाक उड़ाता है और कामयाब लोगों से जलता है। कैसी विडंबना है कुछ लोग जीते-जी मर जाते हैं और कुछ लोग मर कर भी अमर हो जाते हैं।

Monday 13 February 2017

गुरु-कृपा

हजार वर्ष की अपनी तपस्या से क्षण-मात्र की गुरु कृपा की दौलत कहीं ज़्यादा फ़ायदेमंद होती है। यह धन अपनी साधना के बल पर प्राप्त करना असम्भव तो नहीं है परन्तु अति कठिन है।

Sunday 12 February 2017

भवसागर

अपने मन को तम और रज से खींच कर सत पर ले आवें , ईश्वर पर भरोसा रखें और संतों का संग करें तो आसानी से भवसागर से पार हो जायेंगे.
।।श्री परमात्मने नम।।

Saturday 11 February 2017

मानसिक-व्यथा

अगर सुरत को सूक्ष्म शरीर से हटा कर आत्मा पर लगा दें तो कितनी ही मानसिक व्यथा क्यों न हो महसूस नहीं होती। अपने केन्द्र ( ईश्वर ) में अगर हमने अपने ध्यान को जमा दिया है तो उस हालत में हम जो कुछ भी कर रहे हैं सब ईश्वर के हुक़्म से हो रहे हैं, अगर हम उसके ध्यान में बैठे हैं तो हमारे हर एक काम का ज़िम्मेदार वह ईश्वर है। हमारा पहला और असली काम अपनी रहनी-सहनी को सम्भालना है।

Friday 10 February 2017

असमर्थ आदमी

कोई मनुष्य अंधा हो तो उसे आप सुंदरता कैसे दिखा सकते हैं या कोई मनुष्य बहरा हो तो उसे  मधुर अथवा कर्कश शब्द से प्रभावित कैसे किया सकता है?

Thursday 9 February 2017

स्वप्न

जागृत अवस्था में तो हम अपने ऊपर नियंत्रण कर लेते हैं लेकिन सोते में नहीं कर पाते अत: जो स्वप्न आते हैं वे हमारे असली रूप हैं, हमारे अंतर्मन से जो ख़्याल टकराते हैं वही स्वप्न में आते हैं।

Wednesday 8 February 2017

ऊँ का प्रभाव

ॐ शरीर के विषैले तत्त्वों को दूर करता है  अर्थात तनाव के कारण पैदा होने वाले द्रव्यों पर नियंत्रण करता है।
।।श्री परमात्मने नम:।।

Tuesday 7 February 2017

याद

काश! मैं ऐसी बात लिखूँ प्रभो! तेरी याद में,
तेरी सूरत दिखाई दे हर अल्फ़ाज़ में।
।।श्री परमात्मने नम:।।

Monday 6 February 2017

सूर्य-रश्मि

वास्तु के अनुसार भूमिगत पानी के श्रोत ईशान में ही होने चाहिये जिससे सुबह के समय सूर्य से मिलने वाली अल्ट्रावायलेट किरणों से जल की शुद्धि होती है एवं यह सूर्य रश्मियां जीवन को स्वास्थ्य-प्रद रखती है।

Sunday 5 February 2017

ऊँ का उच्चारण

ॐ शब्द का उच्चारण करने से कंपन पैदा होती है। इन कंपन से रीढ़ की हड्डी प्रभावित होती है और इसकी क्षमता बढ़ जाती है।

ऊँ का उच्चारण

ॐ शब्द का उच्चारण करने से कंपन पैदा होती है। इन कंपन से रीढ़ की हड्डी प्रभावित होती है और इसकी क्षमता बढ़ जाती है।

Saturday 4 February 2017

परमात्मा के अनेक रुप

यह परमात्मा है जो हमारे पास लाखों ढंगों से आता है, जब कोई स्त्री हमको देख कर मुस्कुराती है तब हम याद रखें यह परमात्मा है जो एक स्त्री के रूप में मुस्कुरा रही है।

Thursday 2 February 2017

सत्गुरु

हे सत्गुरु! दुनिया के विषयसुख में लिप्त रहकर जीने से अच्छा है तेरी चौखट पे मर  जाऊँ... भवसागर में डूबने से अच्छाहै "सत्गुरु" नामरस में डूब जाऊँ....
।।श्री परमात्मने नम:।।

Wednesday 1 February 2017

संत-मिलन

मनुष्य अनेक दुःखों से दुःखी क्यों है ? गरीब दुःखी है, ठीक है धन नहीं, खाने को अन्न नहीं, शरीर पर वस्त्र नहीं परन्तु धनी दुःखी क्यों ? राजाओं को दुःख क्यों ? पढ़े लिखे और विद्वानों को दुःख क्यों ? पण्डितों और उपदेशकों को दुःख कैसे ? इन सबका कारण है उनके हृदय में ज्ञान का सूर्य प्रकट नहीं हुआ। गुरू का दर्शन नहीं हुआ। किसी सन्त से मिलन नहीं हुआ।