Saturday 31 December 2016

उत्तम वाणी

जिसकी वाणी उत्तम नहीं उसकी विद्या उत्तम कैसे होसकती है? जिसकी विद्या उत्तम नहीं उसको ज्ञान उत्तम कैसे हो सकता है?  जिसका ज्ञान उत्तम नहीं वह किसका मंगल कर सकता है? सर्व मंगल तो वही कर सकता है जिसकी वाणी, विद्या व ज्ञान उत्तम हो।

Friday 30 December 2016

दु:ख

जिंदगी वहीं की वही दुःख से भरी हुई है और जब भी कोई दुःखी हो जाता है वह भी इनके पीछे चला जाता है कि हमको भी गुरु मंत्र दे दें। हमारा भी कान फूंक दें कि हम भी इसी तरह सुखी हो जायें जैसे आप हो गये हैं लेकिन यह जिंदगी क्‍यों दुःख पैदा कर रही है। इसको देखने के लिए इसके विज्ञान को खोजने के लिए कोई भी जाता नहीं है।

Wednesday 28 December 2016

जीवन का सत्य

प्राकृतिक विधान में पूर्ण आस्था रखकर हम अपने शरीर, वस्तु, धन, बल, योग्यता, सामर्थ्य आदि का सदुपयोग करें तो हमें अपने साध्य की प्राप्ति होगी क्योंकि हर संयोग वियोग में, जन्म मृत्यु में और उत्पत्ति विनाश में बदलता है जो जीवन का सत्य है।

Tuesday 27 December 2016

परवाह

उनकी "परवाह" मत करें जिनका "विश्वास" वक्त के साथ बदल जाये। आप चुपचाप अपने कर्मों में लगे रहें। "परवाह" सदा उनकी करें जिनका "विश्वास" आप पर तब भी  रहे जब आप का “वक्त" बदल जाये....

Monday 26 December 2016

असर

जिस घर में ज्यादा लड़ाई होती है उस घर के बच्चों के दिमाग पर बिल्कुल वैसा ही असर पड़ता है जैसा युद्ध का सैनिकों पर.

तुलसी का पौधा

तुलसी अत्यंत महत्वपूर्ण एवं उपयोगी पौधा है। इसके सभी भाग अलौकिक शक्ति और तत्वों से परिपूर्ण माने गए हैं। तुलसी के पौधे से निकलने वाली सुगंध वातावरण को शुध्द रखने में तो अति महत्वपूर्ण भूमिका निभाती ही है, भारत में आयुर्वेद चिकित्सा पध्दति में भी तुलसी का बहुत महत्वपूर्ण स्थान रहा है। तुलसी का सदियों से  औषधीय रूप में प्रयोग होता चला आ रहा है। तुलसी दल का प्रयोग खांसी, विष, श्वांस, कफ, बात, हिचकी और भोज्य पदार्थों की दुर्गन्ध को दूर करता है।

तुलसी का पौधा

तुलसी अत्यंत महत्वपूर्ण एवं उपयोगी पौधा है। इसके सभी भाग अलौकिक शक्ति और तत्वों से परिपूर्ण माने गए हैं। तुलसी के पौधे से निकलने वाली सुगंध वातावरण को शुध्द रखने में तो अति महत्वपूर्ण भूमिका निभाती ही है, भारत में आयुर्वेद चिकित्सा पध्दति में भी तुलसी का बहुत महत्वपूर्ण स्थान रहा है। तुलसी का सदियों से  औषधीय रूप में प्रयोग होता चला आ रहा है। तुलसी दल का प्रयोग खांसी, विष, श्वांस, कफ, बात, हिचकी और भोज्य पदार्थों की दुर्गन्ध को दूर करता है।

Saturday 24 December 2016

प्रेमी हृदय

जिस दिल में दर्द न हो वहां प्यार का एहसास भी नहीं होता। किसी के दूर जाने पर जो खालीपन लगता है जो टीस दिल में उठती है वही तो प्यार का दर्द है। इसी दर्द के कारण प्रेमी हृदय कितनी ही कृतियों की रचना करता है। प्रेम तो हो जाने वाली चीज है प्रेम में नकारात्मक सोच के लिए कोई जगह नहीं होती।

Friday 23 December 2016

तुलसी के पौधे

वास्तु दोष को दूर करने के लिए तुलसी के पौधे अग्नि कोण अर्थात दक्षिण-पूर्व से लेकर वायव्य उत्तर-पश्चिम तक के खाली स्थान में लगा सकते हैं यदि खाली जमीन ना हो तो गमलों में भी तुलसी को स्थान दे कर सम्मानित किया जा सकता है.

Wednesday 21 December 2016

तनाव

मैं ऐसा किसी भी तनाव को नहीं जानता जो लगातार एक घंटे तक कोई किताब पढ़ने से शांत नहीं होता।

स्नेह का प्रदर्शन

दुष्ट व्यक्ति स्वार्थ पूर्ति के लिए स्नेह का प्रदर्शन करता है और प्रयोजन पूर्ण होते ही संबंध विच्छेद कर लेता है।
।।श्री परमात्मने नम:।।

Monday 12 December 2016

शरीर का परिवर्तन

मानव का शरीर हर ग्यारह महीने में नया बन जाता है। अत: अपने विचार बदलकर अपने शरीर को बदल दें।
।।श्री परमात्मने नम:।।

Sunday 11 December 2016

सामान्य हित में अवचेतन

मानव का कल्पनावादी मन निरंतर सामान्य हित में काम करता है और सभी चीजों के पीछे सामंजस्य के निहित सिद्धान्त को प्रदर्शित करता है। मानव के अवचेतन मन की अपनी खुद की इच्छा है और यह अपने आप में बहुत वास्तविक है। मानव चाहे या न चाहे यह दिन-रात काम करता है। यह मानव के शरीर का निर्माता है लेकिन मानव इसके निर्माण को देख , सुन या महसूस नहीं कर सकता। यह बिल्कुल खामोश प्रक्रिया है। मानव के अवचेतन का अपना खुद का जीवन है जो हमेशा सामंजस्य, सेहत और शांति की ओर होता है। इसके भीतर दैवी मानदंड है जो मानव के माध्यम से हर समय अभिव्यक्ति चाहता है।

Saturday 10 December 2016

अवचेतन शक्तियाँ

महान कलाकार, संगीतकार, कवि, वक्ता और लेखक अपनी अवचेतन  शक्तियों के साथ सामंजस्य बना लेते हैं और प्रेरित हो जाते हैं ।

Friday 9 December 2016

अवचेतन का कार्य

अवचेतन मन का झुकाव जीवन की तरफ है।
मानव का 90% से अधिक मानसिक जीवन अवचेतन है। अगर मानव इस अद्भुत शक्ति का प्रयोग नहीं करेगा तो मानव बहुत संकीर्ण सीमाओं में जीने के लिए अभिशप्त होगा।
।।श्री परमात्मने नम:।।

Thursday 8 December 2016

कारण और निवारण

हमें अपनी परिस्थितियों और स्थितियों से संघर्ष नहीं करना चाहिए, इससे समय और मेहनत की भयंकर बर्बादी है। परिस्थितियाँ और स्थितियाँ तो किसी कारण से उत्पन्न हुईं हैं जिसे हम चेतन मन का प्रयोग करके उत्पन्न करते हैं।हम कारण को बदल दें तो उसका निवारण स्वयं हो जायेगा।

Tuesday 6 December 2016

विश्वास

अवचेतन मन का नियम विश्वास का नियम है। हमें अपने मन की कार्यावधि में विश्वास करना, स्वयं विश्वास पर विश्वास करना है जो हमारे मस्तिष्क का विचार है और कुछ नहीं।

Monday 5 December 2016

समस्या और समाधान

अवचेतन मन में हर समस्या का समाधान और हर परिणाम का कारण होता है। यकीनन अवचेतन में ऐसी चमत्कारी उपचारिक शक्ति है जो परेशान दिमाग और टूटे हुए दिल का इलाज कर सकती है।

Sunday 4 December 2016

अवचेतन मन

अवचेतन मन की चमत्कारिक शक्तियां उस समय भी मौजूद थीं जब आप या मैं पैदा नहीं हुए थे, जब कोई चर्च नहीं था, जब दुनिया ही नहीं थी। जीवन की महान शाश्वत शक्तियाँ और सिद्धान्त उस समय भी मौजूद थे, जब कोई धर्म शुरु नहीं हुआ था।

Saturday 3 December 2016

शाश्वत सत्य

जो हर जगह, हर समय,और हर परिस्थिति में सच है वही शाश्वत सत्य है। जैसे आप स्टील के टुकड़े को गर्म करेंगे तो वह फैलेगा चाहे यह स्टील चीन, ईंग्लैंड, भारत में हो या पृथ्वी का चक्कर लगा रहे अंतरिक्ष यान में हो।
।।श्री परमात्मने नम:।।

Friday 2 December 2016

जीवन

जीवन इतना जटिल है कि इसमें सबकुछ व्यवस्थित नहीं हो सकता।
।।श्री परमात्मने नम:।।

Thursday 1 December 2016

रास्ता

अगर आपको कोई ऐसा रास्ता मिले जिसमें कोई बाधा न हो तो समझ लीजिये कि वह रास्ता कहीं नहीं जाता।