हमारा अवचेतन हमें चक्रवृद्धि ब्याज देता है! जिसमें दौलत की भावना है उसे अधिक दौलत दी जाएगी, जिसमें कमी की भावना है उसे कम दिया जाएगा! हम जिस चीज को अपने अवचेतन में जमा करते हैं, यह उस चीज को कई गुणा कर देता है और बढ़ा देता है! हर सुबह जब हम जागें तो समृद्धि, सफलता, दौलत और शांति के विचार जमा करें! इन अवधारणाओं पर सोचें! अपने मस्तिष्क को उनके साथ अधिकतम व्यस्त रखें! ये सृजनात्मक विचार जमा राशि की तरह हमारे अवचेतन मन में पहुँच जायेंगे और प्रचुरता तथा समृद्धि ले आएँगे!
।। श्री परमात्मने नमः।।
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