Tuesday 23 May 2017

मौन और मुस्कान

मौन और मुस्कान दो शक्तिशाली हथियार होते हैं। मुस्कान से कई समस्याओं को हल किया जा सकता है और मौन रहकर कई समस्याओं को दूर रखा जा सकता है।
           ।।श्री परमात्मने नमः।।

Saturday 20 May 2017

दरबार

सुनो मेरे कान्हा!
तेरे दरबार में आकर ख़ुशी से फूल जाता हूँ।
गम चाहे कैसा भी हो मैं आकर भूल जाता हूँ।।
बताने बात जो आऊँ वही मैं भूल जाता हूँ।
ख़ुशी इतनी मिलती है कि मांगना भूल जाता हूँ।।
।। श्री परमात्मने नमः।।

Friday 19 May 2017

समय के बदलाव

कृष्ण का निवास उन व्यक्तियों के अंतर्मन में है जो समय के बदलाव को जानते हैं, जो संघर्ष को विपत्ति नहीं जीवनशैली​ मानते हैं, जो चुनौतियों को अभ्यास के रूप में लेते हैं और जो हर काम में अपना शत-प्रतिशत योगदान देते हैं। ऐसे लोग ही बिगड़ी स्थितियों को भी अपने वश में कर लेते हैं और सफलता के नए कीर्तिमान रचते हैं।
।। श्री परमात्मने नमः।।

Wednesday 17 May 2017

नम्रता

नम्रता से वह कार्य भी बन जाते हैं जो कठोरता से नहीं बन पाते।
।। श्री परमात्मने नमः।।

माता और पिता

माँ और पिता धरती पर भगवान का स्वरुप हैं। मैं ईश्वर का कृतज्ञ हूँ कि मुझे ऐसे माता-पिता दिये। ईश्वर इनकी जोड़ी जन्म जन्मतार तक सलामत रखे।
।। श्री परमात्मने नमः।।

Sunday 7 May 2017

कमजोर दिल वाले

कमजोर दिलवाले एक तास के पत्तों के जैसे होते हैं, हवा के एक झोंके से बिखर जातें हैं। जिसका दिल कमजोर है उसको न दवा लगती है और न दुआ लगती है वो हमेशा दुखों के भँवर में रहता है कमजोर दिलवाले को वैराग्य की जरुरत होती है।
।। श्री परमात्मने नमः।।

Saturday 6 May 2017

मुक्त प्रवाह

हमारे शरीर में अगर खून मुक्त प्रवाहित होता है तो हम शारीरिक दृष्टि से स्वस्थ हैं उसीप्रकार यदि हमारे जीवन में मुक्त धन प्रवाहित हो रहा है तो हम आर्थिक दृष्टि से स्वस्थ हैं परंतु हमारे जीवन में धन, मुक्त प्रवाहित हो तो कैसे, हम उसकी बुराई जो करते हैं। क्या हम किसी-भी ऐसे व्यक्ति के पास टिक सकते हैं जो हमारी निंदा करता हो। जाहिर है नहीं और दौलत भी ऐसा नहीं करेगी। एक तरफ तो हमें दौलत पाने की चाहत है और दूसरी तरफ हम दौलत को गंदी और बुरी चीज भी कह रहे हैं।
।। श्री परमात्मने नमः।।

Friday 5 May 2017

सफल व्यक्ति

सफल व्यक्ति स्वार्थी नहीं होते, जीवन में उनकी प्रमुख इच्छा मानवता की सेवा होती है जो मानसिक शांति के बिना कभी-भी हासिल नहीं की जा सकती है।
सफलता के तीन पायदान हैं-->
प्रथम पायदान यह कि हमें उस काम का पता लगाना है और करना है जिससे हम प्रेम करते हैं। दूसरे पायदान में किसी विशिष्ट शाखा में विशेषज्ञता हासिल करना है और उसमें उत्कृष्ट बनने की इच्छा रखना है। तीसरे पायदान में हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए�कि हम जो करना चाहते हैं वह सिर्फ हमको ही सफल न बनाए।
।। श्री परमात्मने नमः।।

Thursday 4 May 2017

क्रोध और उबलता पानी

क्रोध और उबलता पानी एक समान है। क्रोधी भलाई नहीं देख पाता और खौलते जल में प्रतिबिंब नहीं दिखता।
।। श्री परमात्मने नमः।।

Wednesday 3 May 2017

महत्वाकांक्षा

महत्वाकांक्षा के आधार पर खड़ा जगत कभी-भी अहिंसक नहीं हो सकता है फिर चाहे यह महत्वाकांक्षा संसार की हो या मोक्ष की। जहाँ महत्वाकांक्षा है वहाँ हिंसा है और विज्ञान ने महत्वाकांक्षी मनुष्य के हाथों में असीम शक्ति दे दी है। अब यदि धर्म ने मनुष्य के चित्त से महत्वाकांक्षा न छीनी तो विनाश सुनिश्चित है।
हे भगवान! अब तू ही एक सहारा है।
।। श्री परमात्मने नमः।।

Tuesday 2 May 2017

वक्त और उम्र

वक्त और उम्र अपनी गति से बढ़ते रहते हैं, किसी का इंतजार नहीं करते। भले ही हम पल-पल गहरी सीख देने वाले वक्त को समझने का प्रयास ही नहीं करते। हम व्यर्थ के झगड़ों व कार्यों में उलझकर अपने समय को बर्बाद करते रहते हैं और जिंदगी के महत्वपूर्ण दिनों को व्यर्थ खोते रहते हैं। हमें हर विपरीत परिस्थितियों का सामना बहुत सहजता और चतुराई से करना चाहिए तभी हम हमेशा विजयी व सफल हो सकते हैं।
।। श्री परमात्मने नमः।।

Monday 1 May 2017

ख़ुशी

सुनो मेरे कान्हा!
तेरे दरबार में आकर ख़ुशी से फूल जाता हूँ,
गम चाहे कैसा भी हो मैं आकर भूल जाता हूँ।
बताने बात जो आऊँ वही मैं भूल जाता हूँ,
ख़ुशी इतनी मिलती है कि मांगना भूल जाता हूँ।
।। श्री परमात्मने नमः।।

ख़ुशी

सुनो मेरे कान्हा!
तेरे दरबार में आकर ख़ुशी से फूल जाता हूँ,
गम चाहे कैसा भी हो मैं आकर भूल जाता हूँ।
बताने बात जो आऊँ वही मैं भूल जाता हूँ,
ख़ुशी इतनी मिलती है कि मांगना भूल जाता हूँ।
।। श्री परमात्मने नमः।।