आपने अक्सर देखा होगा कि पूजा में तिलक और पुष्प के साथ कुछ मीठा और चावल जरूर होते हैं क्योंकि पूजा की विधि बिना चावलों के पूरी नहीं हो सकती। यही कारण है कि चावलों को शुद्धता का प्रतीक माना जाता है और इसे माथे पर तिलक के साथ लगाया जाता है। इसके इलावा पूजा में कुमकुम-तिलक के ऊपर चावल के दाने लगाए जाते हैं ताकि हमारे आस-पास जो नकारात्मक ऊर्जा हैं वो हमसे दूर जा सके या समाप्त हो सके। आधुनिकता के आगोश में प्राय: नवयुवक इसे लगाने से इनकार करते हैं। संप्रति लोग इसका विरोध भी करने लगे हैं। शायद अब दुनिया सिमट रही है. उन्हें मालूम ही नहीं है कि ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा सकारात्मक ऊर्जा में परिवर्तित हो जाता है परन्तु कौन सुनेगा किसे सुनाऊँ?
।। श्री परमात्मने नमः।।
Thursday 12 April 2018
सकारात्मक ऊर्जा
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