Wednesday 11 April 2018

परिवर्तन

आदमी आज इतना पराधीन क्यों ?
कोई चिड़ियों को उड़ना सिखाता नहीं!
हमने देखा है गुमराह होते हुए
रास्ता खुद जो अपना बनाता नहीं!
पूरी होती नहीं है मनोकामना
ग्रामीण-परिवेश में परस्पर जो नाता नहीं!
किस तरह जी सकेंगे सभी गाँव में
प्यार से कोई रहना सिखाता नहीं!
समाज में यदि हम समरसता लाना चाहते हैं तो
अपने विचार में परिवर्तन तो लाना ही होगा।
।। श्री परमात्मने नमः।।

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