न्याय के साथ विकास और सुशासन ही
देश को महान बनाता है।
वही मेरा सच्चा दोस्त है जो उक्त विचार
के साथ मुझे अपनाता है।
दुनिया चाहे मुझे धोखेबाज कहे
पर मैं वही करता हूँ जो मुझे भाता है।
मैं उसे साथ देता हूँ तभी तक
जबतक वह सद्विचार अपनाता है।
मेरा स्थायित्व तभी संभव है
जब कोई खरा उतर आता है।
कुविचार जब उपजता है उसके मन में
मेरा मन किसी और को अपनाता है।
।। श्री परमात्मने नमः।।
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