Monday 30 September 2019

पागल

हमारे हौसले भी कम नहीं थे कम नहीं थे पर
समय करता रहा घायल अरे पागल अरे पागल!
अमंगल की तरफ़दारी नहीं करता हूँ मैं लेकिन
नहीं सम्भव है सब मंगल अरे पागल अरे पागल!
महाभारत, महाभारत, महाभारत, महाभारत,
ये दुनिया है फ़क़त दंगल अरे पागल अरे पागल!
।।श्री परमात्मने नमः।।

Sunday 29 September 2019

माँ

पूज्य माँ ग्रहण करो उद्गार आज जन-जन का नूतन प्यार,
हम बालक गण वृंद विहंगम इस प्रांगण में मस्त मगन मन,
समर्पित अभिनंदन शत बार आज जन-जन का नूतन प्यार ..
आशा,तड़पन,संगम,क्रंदन तुझको किस विधि करूँ नत वंदन?
तड़पन हो जाते गुलजार आज जन-जन का नूतन प्यार.......
युग-युग,प्रतिदिन,प्रतिक्षण,प्रतिपल तात सुखद जीवन तव अविरल,
चढ़ाते स्वर्णिम पुष्पक हार आज जन-जन का नूतन प्यार .....
पूज्य माँ ग्रहण करो उद्गार आज जन-जन का नूतन प्यार.....
।।श्री परमात्मने नमः।।

Saturday 28 September 2019

पराजय

जीवन से पराजय शब्द पूरी तरह हटा दें क्योंकि जीवन कोई प्रतियोगिता नहीं है।हर पराजय एक सीख है और हर जीत उस सीख का जश्न, इसलिये जीवन के किसी भी मोड़ पर रुकें नहीं। बस चलते रहें और सीखते रहें।
।।श्री परमात्मने नमः।।

Friday 27 September 2019

गिनती

मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िन्दगी में बस हम गिनती उसी की करते है जो हासिल ना हो सका।
।।श्री परमात्मने नमः।।

Thursday 26 September 2019

जिंदगी का खेल

जन्म पर बटने वाली मिठाई से शुरू होने वाला ज़िन्दगी का यह खेल और श्राद्ध की खीर पर आकर ख़तम हो जाता है! यही है जीवन की मिठास...!
।।श्री परमात्मने नमः।।

Wednesday 25 September 2019

खुशियां और गम

खुशियाँ आये जिंदगी में तो चख लेना मिठाई समझकर और जब गम आये तो वो भी कभी खा लेना दवाई समझ कर।
।।श्री परमात्मने नमः।।

Tuesday 24 September 2019

इंसान

इंसान बुरा उस वक्त बनता है जब वो खुद को दूसरों से अच्छा मानने लगता है।
।।श्री परमात्मने नमः।।

Monday 23 September 2019

कौन ?

झाँक रहे हैं इधर उधर सब अपने अंदर झांके  कौन ?
ढूँढ रहे दुनियाँ में कमियां, अपने मन में ताके कौन ?
दुनियाँ सुधरे सब चिल्लाते खुद को आज सुधारे कौन ?
पर उपदेश कुशल बहुतेरे खुद पर आज विचारे कौन ?
हम सुधरें तो जग सुधरेगा सीधी बात स्वीकारे कौन ?
घर-घर में सब दीप जलाते मन में दीप जलाते कौन?
।। श्री परमात्मने नमः ।।

Sunday 22 September 2019

खुशियाँ

जिंदगी प्रपोज करती रहती है छोटी-छोटी ख़ुशियाँ हम स्वीकारते नहीं हैं और दौड़ते रहते हैं बड़ी खुशियों के पीछे!
।।श्री परमात्मने नमः।।

Saturday 21 September 2019

शब्द

शब्द कितनी भी समझदारी से इस्तेमाल किया जाय फिर भी पढ़ने और सुनने वाला अपनी योग्यता और मन के विचारों के अनुसार ही उसका मतलब समझता है।
।।श्री परमात्मने नमः।।

Friday 20 September 2019

अहंकार

अहंकार की बस एक ही ख़राबी है वह यह कि कभी हमें महसूस ही नहीं होने देता कि हम ग़लत हैं।
।।श्री परमात्मने नमः।।

बापू के द्वार

अपनी गलती हो स्वीकार,
लें जीवन में इसे उतार।
नहीं किसी को हम मारेंगे,
खुद मरने को हों तैयार।
सिद्धांत-रहित नीति तजकर,
सदा सत्य की बहे बयार।
गांधीजी के सपनों को हम,
चलो करें मिलकर साकार।
विकसित बिहार के निश्चय सात,
जगमग हो संपूर्ण बिहार।
।।श्री परमात्मने नमः।।

Wednesday 18 September 2019

तृष्णा

मनुष्य की तृष्णा यानि इच्छाओं से बड़ा कोई दुःख नहीं होता और इन्हें छोड़ देने से बड़ा कोई सुख नहीं है। मनुष्य का अपने मन पर वश नहीं होता। हर किसी के मन में कई अनावश्यक इच्छाएं होती हैं और यही इच्छाएं मनुष्य के दुःखों का कारण बनती हैं। जरुरी है कि मनुष्य अपनी आवश्यकताओं और इच्छाओं में अंतर समझे और फिर अनावश्यक इच्छाओं का त्याग करके शांत मन से जीवन बिताएं। मुहब्बत भी तो एक प्रकार की चाहत ही है इसलिए मुहब्बत की चाहत को भी त्यागना होगा।
।।श्री परमात्मने नमः।।

Tuesday 17 September 2019

धर्म और अधर्म

मनुष्य के लिए सबसे बड़ा धर्म है सत्य बोलना या सत्य का साथ देना और सबसे बड़ा अधर्म है असत्य बोलना या उसका साथ देना इसलिए हर किसी को अपने मन, अपनी बातें और अपने कार्यों से हमेशा उन्हीं को शामिल करना चाहिए जिनमें सच्चाई हो क्योंकि इससे बड़ा कोई धर्म है ही नहीं। असत्य कहना या किसी भी तरह से झूठ का साथ देना मनुष्य की बर्बादी का कारण बन सकता है।
।।श्री परमात्मने नमः।।

Monday 16 September 2019

बदलाव

वर्तमान परिप्रेक्ष्य के मद्देनजर बदलाव अत्यावश्यक है। ग्रामीण क्षेत्रों में जो उप स्वास्थ्य केन्द्र हैं वह हाथी-दाँत की तरह केवल दिखावे के लिए हैं। अब रही शिक्षा की बात तो वह बैशाखियों के सहारे अर्द्ध जीवित है। एमडीएम में भारी लूट मची हुई है। अपराध पर समूल नियंत्रण तो असंभव ही है। भ्रष्टाचार की कौन कहे... ? अंततः हम यही कहना चाहेंगे कि जो कुछ भी हो परन्तु लोकतांत्रिक प्रणाली में चेतना जागी है। जनता जनार्दन कभी भी बदलाव कर सकती है।
।।श्री परमात्मने नमः।।

Sunday 15 September 2019

अवचेतन मन

बात करने के लिए वक्त और शब्द नहीं, अवचेतन मन चाहिेए।
।।श्री परमात्मने नमः।।

Saturday 14 September 2019

रंगमंच

संसार ज़िंदगी का रंगमंच है दोस्तो! वैज्ञानिक ढूँढ रहे हैं कि मंगल पर जीवन है या नहीं और हम ढूँढ रहे हैं कि जीवन में मंगल है या नहीं?
।। श्री परमात्मने नमः।।

Friday 13 September 2019

गणित

कौन हिसाब रखे किसको कितना दिया और किसने कितना बचाया इसलिए ईश्वर ने आसान गणित लगाया सबको खाली हाथ भेज दिया और खाली हाथ ही बुलाया।
।।श्री परमात्मने नमः।।

Thursday 12 September 2019

दर्द

सेल्फी नहीं पर कभी किसी के दर्द खींच सकने की कोशिश करनी चाहिए फिर दुनियाँ तो क्या खुद भगवान भी हमें लाइक करेंगे!
।।श्री परमात्मने नमः।।

Wednesday 11 September 2019

संस्कार

कुएँ का पानी सब फसलों को एक समान मिलता है फिर भी करेला कड़वा, गन्ना मीठा और इमली खट्टी  होती है। यह दोष तो पानी का नहीं है बल्कि बीज का है। ठीक उसीप्रकार सभी मनुष्य एक समान हैं  परन्तु उनपर संस्कारों का असर अलग-अलग पड़ता है।
।।श्री परमात्मने नमः।।

Tuesday 10 September 2019

विश्वास

खुद के ऊपर विश्वास रखो साहब फिर देखना एक दिन ऐसा आएगा कि घड़ी दूसरे की होगी और समय आपका...!
।।‌श्री परमात्मने नमः।।

Monday 9 September 2019

हकीकत

सबसे बड़ी हकीकत है कि लोग आपके बारे में अच्छा सुनने पर शक करते हैं लेकिन बुरा सुनने पर शीघ्र ही यकीन कर लेते हैं!
।।श्री परमात्मने नमः।।

Sunday 8 September 2019

भूल

हमें अक्सर महसूस होता है कि दूसरों का जीवन हमसे अच्छा है लेकिन हम भूल जाते हैं कि उनके लिए हम भी दूसरे हैं।
।।श्री परमात्मने नमः।।

Saturday 7 September 2019

रिश्तेदार

रिश्तों से भरी दुनिया में अगर किसी को परखने की नौबत नहीं आयी है तो समझ लीजिए कि वक्त ने आपसे बड़ी शिद्दत से रिश्तेदारी निभाई है।
श्री परमात्मने नमः।।

Friday 6 September 2019

समय

खुद को समय जरूर दें क्योंकि आपकी पहली जरूरत खुद आप हैं। समय के पास इतना समय नहीं कि आपको दोबारा समय दे सके।
।।श्री परमात्मने नमः।।

Thursday 5 September 2019

शक

लोगों के पास बहुत कुछ है मगर मुश्किल यही है कि भरोसे पे शक है और अपने शक पे भरोसा है।
।।श्री परमात्मने नमः।।

Wednesday 4 September 2019

गुरु-कृपा

आध्यात्म और ज्ञान के सकारात्मक प्रभाव से गुरु ग्रह मानव जीवन को र्इश्वर एवं दिव्य शक्ति के तार से जोड़े रखता है। हर किसी भी जातक को जीवन में कुछ बनने के लिए एक अच्छे शिक्षक की जरूरत होती है और अच्छे शिक्षक के बिना व्यक्ति अपने जीवन के मुश्किल परिस्थितियों में बुरी तरह हार जाता है। व्यक्ति को जीवन के अलग अलग पहलूओं के प्रति जागरूक करने एवं उनके प्रति जिम्मेदार बनाने में बृहस्पति यानि गुरु अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और अपने शिष्य को सकारात्मक प्रभावों से पूर्ण आध्यात्मिकता प्राप्त करवाते हैं। गुरू की कृपा से व्यक्ति के जीवन में सुख समृद्धि, मान सम्मान, धन संपदा, इत्यादि का पूर्ण प्रभाव बना रहता है।
।। श्री परमात्मने नमः।।

प्रश्न

ईश्वर ने जगत क्यों बनाया? यह प्रश्न वैसा का वैसा ही रहेगा  और अगर कोई उत्तर भी मिल जाए तो सवाल उठेगा कि ईश्वर क्यों है? ईश्वर को किसने बनाया? क्या प्रयोजन होंगे? इन प्रश्नों का कोई अंत न होगा। एक प्रश्न और हजार प्रश्नों को अपने साथ ले आता है।
।। श्री परमात्मने नमः।।