अवचेतन मन की शक्तियां बड़ी विचित्र संग्रह करती हैं! हमारी सकारात्मक घोषणा तब सबसे अच्छी तरह सफल होती है जब यह विशिष्ट होती हो और मानसिक संघर्ष या विवाद पैदा न होता हो! हमारा अवचेतन निरर्थक शब्दों या वाक्यों को स्वीकार नहीं करता है! यह तो सिर्फ उन्हें स्वीकार करता है जिन्हें हम सचमुच सत्य मानते हैं! अवचेतन मन हमेशा प्रबल विचार या विश्वास को स्वीकार करता है!
।। श्री परमात्मने नमः।।
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