Wednesday 24 January 2018

सबका हो कल्याण

सबका हो कल्याण
जाति-पाति की जहाँ नहीं हो कोई भी दरकार
हिंदू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई करें नहीं तकरार
नगर-नगर और गाँव-गाँव में सब हों भागीदार
हक़ से वंचित नहीं हो सकें नर हों चाहे नार
व्यवसायी, अधिकारी हों या हों मजदूर-किसान
प्रयत्नशील हो दिखलायें अपनी-अपनी पहचान
सबका भला तभी होगा और जीवन का कल्याण
नैतिकता हो जहाँ कर्म में सबका हो सम्मान
।। श्री परमात्मने नमः।।

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