Monday 15 January 2018

व्यावहारिकता

जनता में कोई खुशी आये तो कैसे आये ?
पांच वर्ष साथ रहा दर्द महाजन की तरह
दाग़ जनता में है कि राजनेता में पता तब होगा
मौत जब आयेगी कपड़े लिए धोवन की तरह
हर किसी शख्स की किस्मत का यही है किस्सा
आया राजा की तरह जाएगा निर्धन की तरह
जिसमें इंसान के दिल की न हो धड़कन यारो
शायरी तो है वह अखबार की कतरन की तरह
।। श्री परमात्मने नमः।।

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