Thursday 11 January 2018

कौन

                         *कौन*
मैं रूठा गर तुम भी रूठ गए फिर मनाएगा कौन ?
आज दरार है कल खाई होगी फिर भरेगा कौन ?
मैं भी चुप और तुम भी चुप फिर चुप्पी को तोडे़गा कौन ?
छोटी-छोटी बातों को लगा लोगे दिल से तो फिर रिश्ता को निभाएगा कौन ?
दु:खी मैं भी और दु:खी तुम भी तो सोचो फिर हाथ बढ़ाएगा कौन ?
न मैं राजी न तुम राजी फिर माफ़ करने का बड़प्पन दिखाएगा कौन ?
डूब जाएगा यादों में दिल कभी तो फिर धैर्य बंधायेगा कौन ?
एक अहं मेरे भीतर और एक अहं तेरे भीतर भी फिर इस अहं को हराएगा कौन ?
ज़िंदगी किसको मिली है सदा के लिए फिर इन लम्हों में अकेला रह जाएगा कौन ?
मूंद ली दोनों में से गर किसी दिन एक ने आँखें
तो कल फिर इस बात पर पछतायेगा कौन ?
।। श्री परमात्मने नमः।।

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