Saturday 13 January 2018

देश-प्रेम

नमस्कार!
मकर संक्रांति के अवसर पर आप सबों को अग्रिम शुभकामनाएं!!!
यह सर्वविदित है कि सूर्य के राशि परिवर्तन को संक्रमण-काल कहा जाता है। सूर्य कल धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करने जा रहा है इसी को मकर-संक्रांति कहा जाता है। राशियों और ग्रहों का प्रभाव तो संपूर्ण ब्रह्माण्ड में सार्वभौमिक है। हम मानव भी इससे अछूते नहीं हैं। मानव के पारस्परिक विचारों का भी संक्रमण अवश्यसंभावी है। हम यह भी कह सकते हैं कि मकर-संक्रांति का ही दूसरा रूप विचार-संक्रांति है। विचार-संक्रांति के जरिए हम बिहार के विकास में तब्दीली ला सकते हैं। मैं जो कहने जा रहा हूँ वह मेरा अपना विचार नहीं है बल्कि समाज में व्याप्त विचारों को मेरे द्वारा सिर्फ साझा भर किया जा रहा है इसे मानना या नहीं मानना आपपर निर्भर है। यदि इन विचारों से कोई असहमत हैं तो मैं क्षमाप्रार्थी हूँ। संप्रति हम सबको यह मालूम होना चाहिए कि पुलिस वफादार जब भी होगी तो केवल और केवल सरकार के प्रति क्योंकि पुलिस को सरकार से अर्थ की सिद्धि होती है चाहे सरकार किसी प्रकार की हो। सबों ने सुना होगा कि पुलिस ने पत्थरबाजों को घसीट-घसीट कर पीटा। वास्तव में पुलिस तो सरकार का संरक्षक है चाहे सरकार सकारात्मक हो अथवा नकारात्मक! पुलिस उन कारणों को नहीं ढूंढ सकती है जिन कारणों से जनता उग्ररूप धारण कर चुकी है। पुलिस को इससे क्या मतलब? उसने तो सरकार के संरक्षण का जिम्मा ले रक्खा है। दूसरी बात हमको अभीतक यह समझ में नहीं आ रहा है कि सरकार अपना गुणगान घूम-घूम कर क्यों कर रही है? वाह रे लोकतंत्र ? आपने बादलों को यह कहते सुना है कभी कि वह पानी बरसाता है या सूरज को ऐसा कहते सुना है कभी कि वह प्रकाश फैलाता है परंतु हम मानवों को पता नहीं क्या हो गया है कि हम अपनी प्रशंसा खुद चाहते हैं चाहे हम सकारात्मक कर्म करें अथवा नकारात्मक? हाँ एक जमाना था कि सिपाही विद्रोह हुआ था परन्तु फिलहाल ऐसा कुछ लक्षण प्रतीत नहीं हो रहा है। मुझे तो ऐसा महसूस हो रहा है कि लोकतंत्र का खात्मा शीघ्रातिशीघ्र होनेवाला है। ऐसे भी सुनने में आया है कि कोई भी तंत्र १०० वर्षोंं से अधिक जीवित नहीं रह पाता है। अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि हमारा लोकतंत्र कबतक जीवित रहेगा? केवल राष्ट्र-गान गाने से और तिरंगा को सम्मान करने से हम देशभक्त नहीं हो सकते।
।। श्री परमात्मने नमः।।

No comments:

Post a Comment