कहावत भी है और हकीकत भी है कि 'कफ़न' में जेब नहीं होती फिर भी लोग दूसरों को दुखः देकर भी दौलत सहेजने में लगे रहते हैं! आज देश, समाज, शहर, गाँव और प्रकृति को सुखी और समृद्ध करने और रखने की चिंता किसी को नहीं ! आज लूटने वाला और लुटने वाला सभी दु:खी हैं। आज वन आच्छादित क्षेत्र के अभाव में मानव-जीवन संकटकालीन अवस्था से गुजर रहा है पर अपनी आय का लघुत्तम हिस्सा भी कोई पर्यावरण-संरक्षण पर खर्च करने को तैयार नहीं। यह धरती स्वर्ग और मानव-जीवन सुरक्षित तभी होगा जब धरती पर हरियाली होगी। ऐसे में पर्यावरण संरक्षण में लगी "मिशन हरियाली" नूरसराय (नालंदा) के ज़ज्बे को मैं गर्व के साथ सलाम करता हूँ।
।। श्री परमात्मने नमः।।
Friday 8 December 2017
जज़्बा
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