Monday 25 December 2017

सच्चाई

न ले सच्चाइयों का नाम प्यारे
गोपालबाद बस्ती है बहुत बदनाम प्यारे
यहाँ जनता मुसीबत कूटती है
बड़ी मुश्किल में है यह गाँव प्यारे
मैं आना चाहता था रोशनी में
मगर मैं हो गया गुमनाम प्यारे
चुराकर ले गया बुलेरो गाड़ी गाँव से
पुलिस-प्रशासन कर रही आराम प्यारे
लुटेरे गश्त करते हैं सड़क पर
व्यवस्था पंगु आठो-याम प्यारे
जिसे शैतान सुनकर कांप जाये
किया वो रक्षकों ने काम प्यारे
कठिन अब हो गई है
कस्तूरबा के बच्चियों की लाज बचाना
पराजित हो न जाये कहीं
जन-प्रतिनिधियों का नाम प्यारे
।। श्री परमात्मने नमः।।

No comments:

Post a Comment