नीचे माया है,ऊपर परमात्मा है,मध्य में जीव है।सिद्धियाँ माया हैं।जो माया की ओर चलेगा उसे माया ही प्राप्त होगी और जो इधर से आँख मींच कर ईश्वर की ओर बढ़ेगा,उसे ईश्वर मिलेगा।अच्छे साधु और सच्चे मुमुक्षु इन विभूतियों से दूर ही रहते हैं।
।। श्री परमात्मने नमः।।
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