न ले सच्चाइयों का नाम प्यारे
ये बस्ती है बहुत बदनाम प्यारे
यहाँ राधा मुसीबत कूटती है
बड़ी मुश्किल में है घनश्याम प्यारे
जो आना चाहता था रोशनी में
वही क्यों हो गया गुमनाम प्यारे
चुराकर ले गया है कंस गायें
कन्हैया पी रहा है जाम प्यारे
लुटेरे गश्त करते हैं गली में
व्यवस्था कर रही आराम प्यारे
जिसे शैतान सुनकर काँप जाये
किया वो रक्षकों ने काम प्यारे
कठिन है लाज सीता की बचाना
पराजित हो न जाये राम प्यारे
।। श्री परमात्मने नमः।।
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