Saturday 23 December 2017

कौन

झाँक रहे हैं इधर उधर सब अपने अंदर झांके  कौन ?
ढूँढ रहे दुनियाँ में कमियां, अपने मन में ताके कौन ?
दुनियाँ सुधरे सब चिल्लाते खुद को आज सुधारे कौन ?
पर उपदेश कुशल बहुतेरे खुद पर आज विचारे कौन ?
हम सुधरें तो जग सुधरेगा सीधी बात स्वीकारे कौन ?
घर-घर में सब दीप जलाते मन में दीप जलाते कौन?
।। श्री परमात्मने नमः ।।

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