जो हमारे अंधकार को दूर करते हैं वे हमारे गुरु कहलाते हैं। अगर हम चाहें तो उन्हें रोशनी का बल्ब भी कह सकते हैं क्योंकि वे हमेशा जलते रहते हैं। हम जो चीज नहीं देख सकते वे हमें दिखाते हैं बस वही हमारे गुरु हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो मुख्य रूप से हम एक यात्रा करना चाहते हैं और गुरु की तलाश में हैं। वे हमारे लिए एक जीवंत रोड-मैप हैं। जब हम अनजान रास्तों से गुजरते हैं तब हमें पता चलता है कि रोड-मैप कितना महत्वपूर्ण होता है। यही कारण है कि हमारी परंपरा में ‘गुरु ईश्वर से बढ़कर है’ कहा गया। वास्तव में जब हम किसी अनजान इलाके में खो जाते हैं तो जीवित रोड-मैप ही हमारा अवलंबन होता है जो किसी भी चीज से अधिक महत्वपूर्ण होता है।
।। श्री परमात्मने नमः।।
Tuesday 5 December 2017
गुरु
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