संसार में बहुत सावधानीपूर्वक रहना चाहिए! जिस- जिस से सुख लेने की इच्छा है समझना चाहिए कि वहाँ खतरा है! व्यक्ति में ममता महान बाधक है! एक पल भी भगवान के नाम का जप नहीं छोड़ना चाहिए! पापी से पापी व्यक्ति भी भगवान की प्राप्ति कर सकता है! वर्तमान में उसे हमेशा के लिये पाप छोड़कर भगवान की भक्ति करनी होगी! किसी से कोई भी इच्छा मत रखिए तो मुक्ति हो जायगी! किसी में ज्यादा ममत्व हो गया है तो उसकी सेवा कर दीजिए ममता छूट जाएगी! एक भगवान के शरण हो जाने से भक्ति हो जाएगी! किसी का बुरा न चाहने से पूरे संसार की सेवा का फल मिल जाएगा! भगवान में दृढ़ विश्वास बढ़ाना चाहिए! भगवान हैं उनके दर्शन दूसरे को हुए हैं मुझे भी हो सकता है ऐसा विश्वास ज्यों-ज्यों पक्का होता जाएगा भगवान के दर्शन उतनी शीघ्र होगी! अंतिम बात यही है कि पूरे साधन जप-तप, संयम और पूजा भक्ति का फल एक ही मांगना चाहिए कि भगवान के चरणों में प्रेम हो जाए!
।। श्री परमात्मने नमः।।
Thursday 7 June 2018
भगवत्प्रेम
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