हमारा अवचेतन मन कैमरा है और हमारा अवचेतन मन वह संवेदनशील प्लेट है जिस पर हम तस्वीर की छाप छोड़ते हैं! हमारे पीछे जो एकमात्र बदकिस्मती पड़ी रहती है वह डर का विचार है जिसे बार-बार दिमाग में दोहराया जाता है! इस बात के साथ बदकिस्मती से पीछा छुड़ाएँ कि हम जो भी काम शुरू करते हैं उसे हम दैवी विधान में सुखद परिणाम तक पहुँचाएँगे! सुखद अंत की तस्वीर बनाएँ और इसे विश्वास के साथ बनाएँ रखें!
।। श्री परमात्मने नमः।।
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