भाग्य बारिश का पानी है और परिश्रम कुंएँ का जल! बारिश में नहाना आसान तो है लेकिन रोज नहाने के लिए हम बारिश के सहारे नहीं रह सकते! इसीप्रकार भाग्य से कभी-कभी चीजें आसानी से मिल जाती हैं किन्तु हमेशा भाग्य के भरोसे नहीं जी सकते! कर्म ही असली भाग्य है!
।। श्री परमात्मने नमः।।
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