Monday 11 June 2018

व्यवहार

जब हम किसी के प्रति नम्र और शालीन हों लेकिन उसकी पीठ पीछे उसके बारे में आलोचनात्मक और द्वेषपूर्ण विचार रखते हों तो इस तरह के नकारात्मक विचार हमारे लिए बहुत विनाशकारी हैं! यह ज़हर खाने की तरह है! हम जो नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न कर रहे हैं वह हमारी स्फूर्ति, उत्साह, शक्ति, मार्गदर्शन और सद्भावना कम कर देती है! जब ये नकारात्मक विचार और भाव हमारे अवचेतन में उतर जाते हैं तो वे हमारे जीवन में तमाम तरह की मुश्किलें और रोग उत्पन्न कर देते हैं!
।। श्री परमात्मने नमः।।

No comments:

Post a Comment