हम अपने विचारों और भावनाओं के जरिए सृजन करते हैं और सिर्फ हम ही अपने विचार सोच सकते हैं या अपनी भावनाएं महसूस कर सकते हैं! यह काम हमारे लिए कोई दूसरा नहीं कर सकता! ।। श्री परमात्मने नमः।।
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