कौन सुनेगा किसे सुनाऊँ? निर्माण है, कल्याण है, राहत है, प्रगति है, ऊँचा है मेरा देश, मगर डूब रहा है! बलिदानों के संगम पे यार भीड़ बड़ी है, सब भाग रहे हैं मगर मैं निडर डूब रहा हूँ!! ।।श्री परमात्मने नमः।।
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