आत्मा अज्ञान के कारण ही सीमित प्रतीत होता है परन्तु जब अज्ञान मिट जाता है तब आत्मा के वास्तविक स्वरुप का ज्ञान हो जाता है, जैसे बादलों के हट जाने पर सूर्य दिखाई देता है! ।। श्री परमात्मने नमः।।
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