Friday 1 June 2018

वास्तविक जीवन

ठहराव और गति के बीच का संतुलन ही जीवन है! हमें जीवन में बेहतर भविष्य के लिए एक काम करना है वह यह कि हममें जीने की कला आनी चाहिए! हमें जाति, धर्म, और संप्रदाय की घृणित राजनीति से बचना चाहिए! हमें अवचेतन मन की शक्तियों को पहचानना होगा क्योंकि अवचेतन मन की शक्तियां हमें विषम परिस्थितियों से जूझने की कला सिखाती हैं!
।। श्री परमात्मने नमः।।

No comments:

Post a Comment