कौन जाने मेरे हमदम कि सुबह हो कि न हो आज तो आओ ज़रा देर मचल कर सोएँ, आग को खोजता शायद कोई फिर आ निकले आज की रात चलो आग उगल कर सोएँ। ।। श्री परमात्मने नमः।।
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