धर्म और नीतिके त्याग से एक बार भ्रमवश चाहे कुछ सुख-सा प्रतीत हो परन्तु वह सुखकी चमक उस बिजलीके प्रकाशकी चमक के समान है जो गिर कर सब कुछ जला देती है। धर्म और नीति का त्याग करने वाला रावण, हिरण्यकश्यप, कंस और दुर्योधन आदि की भी एक बार कुछ उन्नति-सी दिखायी दी थी परन्तु अन्त में उनका समूल विनाश हो गया।
।। श्री परमात्मने नमः।।
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