Tuesday 28 November 2017

लुटेरे

यहाँ कौन लुटेरा नहीं है...?
किसके जीवन में फेरा नहीं है...?
लूट..मची.. है...भाई... लूट ......?
अंत.. में..प्राण.. जायेगा...छूट...!
मनरेगा में मुखिया लूट रहे.....
दुखिया को सुखिया लूट रहे....
एम.डी.एम. में शिक्षक लूट रहे....
मालिक को रक्षक लूट रहे...
जनवितरण में डीलर लूट रहे....
कपड़े को चीलर लूट रहे....
शौचालय में वार्ड मेम्बर लूट रहे....
लकड़ी में प्लंबर लूट रहे...
किसान को मजदूर लूट रहे....
अभागे को तकदीर लूट रहे...
सड़क-निर्माण में ठेकेदार लूट रहे...
गाँव को पहरेदार लूट रहे....
बैंक को प्रबंधक लूट रहे....
घाव को गंधक लूट रहे....
थाना में दारोगा लूट रहे....
विश्व बैंक को मनरेगा लूट रहे....
प्रखंड में बी.डी.ओ. लूट रहे...
अंचल में सी.ओ.लूट रहे...
बस में कंडक्टर लूट रहे...
रोगी को डॉक्टर लूट रहे...
शादी में दूल्हा लूट रहे...
उपले को चूल्हा लूट रहे...
जनता को नेता लूट रहे....
बाप को बेटा लूट रहे....
भाई को भाई लूट रहे....
गाय को कसाई लूट रहे....
देवर को भौजाई लूट रहे...
ससुर को घरजमाई लूट रहे....
ग्राहक को दुकानदार लूट रहे....
यार को यार लूट रहे...
सरकार को पत्रकार लूट रहे....
मतदाता को सरकार लूट रहे.....
इंसान को शैतान लूट रहे....
और अंत में लुटेरे को भगवान लूट रहे....
।। श्री परमात्मने नमः।।

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