कसौटियों से गुजर कर ही सोने की परख होती है औरआग से गुजर कर ही सोना कुंदन बनता है। 'परम अद्वैत में आश्रय किया हुआ और मोक्ष के लिए भी उद्यत हुआ पुरुष काम के वश होकर क्रीड़ा के अभ्यास से व्याकुल होता है—यही आश्चर्य है।' ।। श्री परमात्मने नमः।।
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