"यह सच्चाई है कि जो व्यक्ति देवी के मंदिर में जाकर साष्टांग प्रणाम करता है वही घर लौटकर अपनी पत्नी को पीटता है। वह नादान हो सकता है लेकिन वह धूर्त भी है..." अगर आत्म -तत्व स्त्री और पुरुष में एक है तो स्त्री को कम क्यों आंका जाता है? क्या पुरुष इसका जिम्मेदार है?
।। श्री परमात्मने नमः।।
No comments:
Post a Comment