Saturday 28 October 2017

प्रेम

कुछ बोलने और तोड़ने में केवल एक पल लगता है जबकि बनाने और मनाने में पूरा जीवन लग जाता है। प्रेम सदा माफ़ी माँगना पसंद करता है और अहंकार सदा माफ़ी सुनना पसंद करता है।
।। श्री परमात्मने नमः ।।

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