Sunday 22 October 2017

गुरु

जब चारों ओर अँधेरा हो तो गुरु का दीप जला लेना !
जब गमों ने तुमको घेरा हो तुम हाल गुरु को सुना देना !
जब दुनिया तुमसे मुँह मोड़े तुम अपने गुरु को मना लेना !
जब अपने तुमको ठुकरा दें गुरु दर को तुम अपना लेना !
जब कोई तुमको रुलाये तो तुम गुरु के गीत गुनगुना लेना !
गुरु करुणा का सागर है तुम उसमें डुबकी लगा लेना !
।। श्री परमात्मने नमः।।

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