Saturday 21 October 2017

भक्ति

अपने ऐबों और बुराइयों को देखते रहना चाहिए और अंतकाल की चिंता रखनी चाहिए, जिनमें ये दो गुण हों वही सच्चे फकीर हैं,यही साधुता है। ऐसा स्वभाव बन जाना ईश्वरीय अनुग्रह के लक्षण हैं। भक्त का काम यह है कि अत्याचारी और दुश्मन के लिए भी कभी बुरा विचार दिल में न लायें और न कभी भगवान से उसे दण्ड देने के लिए प्रार्थना करें ऐसा करते ही भक्ति खंडित हो जाती है और यह अपराध उसका लिख लिया जाता है।
।। श्री परमात्मने नमः।।

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