Friday 20 October 2017

खामोशी

खामोशी और तन्हाई हमें प्यारी हो गई है,
आजकल रातों से हमें यारी हो गई है।
सारी-सारी रात तुम्हें याद करते हैं, मालिक!
शायद तुम्हें याद करने की बीमारी हो गई है।
।। श्री परमात्मने नमः ।।

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