Friday 31 March 2017

जिंदगी का दस्तूर

हँसकर जीना दस्तूर है ज़िंदगी का,   
एक यही किस्सा मशहूर है ज़िंदगी का।
बीते हुए पल कभी लौट कर नहीं आते,
यही सबसे बड़ा कसूर है ज़िंदगी का।                                  जिंदगी के हर पल को ख़ुशी से बिताइए
रोने का टाइम कहाँ सिर्फ मुस्कुराइए।
चाहे ये दुनिया कहे पागल आवारा,
बस याद रखिये जिंदगी ना मिलेगी दोबारा।

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