प्रेम जगत में सार बन्दे, प्रेम जगत में सार। हमें हमेशा है बढ़ाना नफरत को तज प्यार।। जो पल-पल घटता बढ़ता है प्रेम नहीं वह होता। पर संतों का प्रेम अडिग और अडोल है होता।।
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