योग में तो संपूर्ण शरीर को ही विभक्त कर दिया गया है : मन का एक हिस्सा पुरुष है तो मन का दूसरा हिस्सा स्त्री है और व्यक्ति को सूर्य से चंद्र की ओर बढ़ना है फिर अंत में दोनों के भी पार जाना है। दोनों का अतिक्रमण करना है। यही वास्तविक योग है।
।।श्री परमात्मने नम:।।
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