सम्राट सपने में सम्राट नहीं रह जाता है और भिखारी सपने में भिखारी नहीं रह जाता है अर्थात् उस सपने की तरह यह संसार भी स्नप्नवत है, सत्य तो बस परमपिता परमात्मा ही हैं, सत्य तो केवल और केवल शिव हैं जो सुंदर भी हैं, बाकी सब माया है.
|| श्री परमात्मने नम: ||
No comments:
Post a Comment