ईश्वर प्राप्ति या जीवन मुक्त होने का सबसे बड़ा लक्षण यह है कि मानव मात्र से एक-सा प्रेम हो जाता है। हृदय में भेदभाव नहीं रहता। मानव प्रेम का दायरा धीरे धीरे बढ़ता है। पहले तो अपने यहाँ के प्रत्येक सत्संगी से निश्छल प्रेम हो जाये फिर आगे चल कर देशवासियों और उससे आगे विश्ववासियों से एक सा प्रेम हो जाये तो समझिए हमने बाजी मार ली।
।।श्री परमात्मने नमः।।
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