Thursday 30 March 2017

द्वादश ज्योतिर्लिंग

चिता-भूमि में वैद्यनाथ,तरन-तारन विश्वनाथ,
विश्वनाथ-२ तू काशी में विश्वनाथ, चिताभूमि..........
द्वादश ज्योतिर्लिंग पुजाया,नर-नारी को तू हरषाया,
सब नाथन में विश्वनाथ, तरण-तारण विश्वनाथ,
राम बड़ा तू बड़ा राम से, तू ही अलगअलग है नाम से,
भजले प्यारे एक साथ,तरण-तारण विश्वनाथ.............
बैद्यनाथ में लिंग कामना,जन-जन में है यही धारना,
तू ही सहारा थाम ले हाथ,तरण-तारण विश्वनाथ............
।।श्री परमात्मने नमः।।

No comments:

Post a Comment