किसी के अश्क बहते हैं तो आंचल मुस्कुराते हैं, कि सूरज अस्त होता है सितारे झिलमिलाते हैं। जो आंसू तुमने सौंपे हैं मुझे उनसे गिला क्यों हो, समय का दौर ऐसा है कि अपने ही रुलाते हैं। ।। श्री परमात्मने नमः।।
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