Tuesday 5 September 2017

वासना

जय श्री कृष्ण
जिस आत्मारूपी समुद्र में यह संसार तरंगों के समान स्फुरित होता है वही मैं हूँ। यह जान कर भी क्यों तू दीन की तरह दौड़ता है? आदमी के जीवन की एकमात्र दीनता है वासना क्योंकि वासना भिखमंगा बनाती है। वासना का अर्थ है दो। वासना का अर्थ है मेरी झोली खाली है कोई भर दो। वासना का अर्थ है मांगना। वासना का अर्थ है कि मैं जैसा हूं वैसा पर्याप्त नहीं। मैं जैसा हूं उससे मैं संतुष्ट नहीं।
।। श्री परमात्मने नमः।।

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