मुझ में ख़ुशबू बसी उसी की है
क्योंकि ये ज़िंदगी उसी की है....!
वो कहीं आस-पास है मौजूद
हू-ब-हू ये हँसी उसी की है...!
ख़ुद में अपना दुखा रहा हूँ दिल
इसमें लेकिन ख़ुशी उसी की है...!
यानि कोई कमी नहीं मुझ में
बस मुझ में कमी उसी की है..!
।। श्री परमात्मने नमः ।।
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