Tuesday 19 September 2017

कमी

मुझ में ख़ुशबू बसी उसी की है
क्योंकि ये ज़िंदगी उसी की है....!

वो कहीं आस-पास है मौजूद
हू-ब-हू ये हँसी उसी की है...!

ख़ुद में अपना दुखा रहा हूँ दिल
इसमें लेकिन ख़ुशी उसी की है...!

यानि कोई कमी नहीं मुझ में
बस मुझ में कमी उसी की है..!

।। श्री परमात्मने नमः ।।

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